Story

Royal sin

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Royal sin

"उसे ऐसा तो नहीं करना चाहिए था… लेकिन फिर भी उसने हर हद पार कर दी — वो हर लम्हा, हर सांस सिर्फ उसी के नाम कर बैठा। और अब… लौटना मुमकिन नहीं रहा।" "वो जानती थी ये पाप है… मगर फिर भी उसने अपनी हर सीमा तोड़ दी — एक अजनबी के लिए, जिसे छूना तक मना था। अब उसके होठों की आग से खुद को बचाना नामुमकिन था।" "वो महल की राजकुमारी थी — जिसे छूना भी जुर्म था। लेकिन उसने खुद अपने नाखूनों से उस जुर्म को अंजाम दिया… और फिर, सब कुछ जलता गया — कस्तूरी की तरह…"

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