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Chapter 6 (भूरी आँखे)

अविका ने धीरें धीरें उस झील में अपना पैर रखा जैसे ही उसके पैर पर ताजा साफ पानी लगा तो उसके पैर के जख्म से वो मिट्टी हट गयी, उसे कुछ हद तक आराम मिला।

उस ताजे पानी से खुशबू आ रही थी बारिश की वजह से उसके बदन पर उसके बाल चिपक गये थे उसे अज़ीब लग रहा था, उसने अपने दोनों पैर झील मे रखे और पास के एक पेड़ के सहारे वहाँ खड़ी हो गयी।

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