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Chapter 38 (आपका तो बेड है, पर मै... मुझे चलना चाहिए... )


" Fuel my journey with your love & kindness."
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🔞This book contain mature scene and language , I am already given a triggered warning here , so better start reading before making your mind



🔞This book contain mature scene and language , I am already given a triggered warning here , so better start reading before making your mind . वो एक हादसे से टूटी थी… ग़म और पछतावे की गिरफ्त में, हर सांस बोझ लगती थी। लेकिन किस्मत ने उसे एक ऐसी राह पर ला खड़ा किया… जहाँ दर्द और मोहब्बत एक-दूसरे से टकराते हैं। एक ऐसा रिश्ता… जो दिल से गहरा है, पर दुनिया की नज़रों में नामुमकिन। वो लड़ रही है— खुद से भी, यादों से भी, और उस सच्चाई से भी जिसे छुपाना अब उसके बस में नहीं। क्या मोहब्बत उसकी ताक़त बनेगी… या वही उसका सबसे बड़ा गुनाह??????



समंदर ने उसकी किस्मत निगल ली थी… और जब उसने आँखें खोलीं तो खुद को एक ऐसे टापू पर पाया, जिसका नाम किसी नक़्शे पर नहीं था। न कोई रास्ता, न कोई उम्मीद—सिर्फ़ चार अजनबी, जिनकी निगाहों में भूख थी… भूख सिर्फ़ जीने की नहीं, उससे कहीं गहरी और खतरनाक। जो शुरुआत में ज़िंदगी बचाने की जद्दोजहद थी, वही धीरे-धीरे एक खतरनाक खेल में बदलने लगी— इच्छाओं, जलन और पाबंदी तोड़ने वाली चाहतों का खेल। हर रात लहरें अपने राज़ फुसफुसाती थीं। हर दिन टापू अपनी क़ीमत वसूलता था। और इस क़ैद बने स्वर्ग में उसे महसूस हुआ कि कुछ भूख कभी मिटती नहीं… और कुछ इच्छाएँ, एक बार जाग जाएँ तो सब कुछ निगल लेती हैं।

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