सिया और माही इस वक्त अपने स्कूल में थी लेकिन सिया का चेहरा एकदम उतरा हुआ था और माही के चेहरे पर शर्मिंदगी थी । वह तो आना भी नहीं चाहती थी आज लेकिन उसकी मम्मी ने उसे जबरदस्ती भेजा था। और उनके आगे उसकी कोई पेश नहीं चलती थी ।
बस वो दिल ही दिल में भगवान से प्रार्थना कर रही थी उसका सामना विराट से ना हो पर कहीं ना कहीं उसे भी पता था कि वे दोनों एक ही क्लास में है दोनों ने नॉन मेडिकल लिया हुआ है तो सामना तो होगा ही और वैसे भी आज तो टेस्ट मिलने थे तो आज वह छुट्टी भी नहीं मार सकती थी।
माही पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहती थी ।
पीछे विराट अपने दोस्तों के साथ बैठता था। वैसे तो लड़के एक अलग लाइन में बैठते थे और लड़कियां अलग।
माही और सिया ज्यादा आगे भी नहीं बैठी थी सिया को तो आगे बैठने में कोई प्रॉब्लम नहीं थी लेकिन माही आगे नहीं बैठ सकती थी क्योंकि फिर सारा लेक्चर ध्यान से सुनना पड़त पढ़ता था और यह सब माही के बस में नहीं था और पीछे इसलिए नहीं बैठी थी क्योंकि टीचर पीछे बैठने वाले बच्चों को ही खड़ा करती हुई और उनसे ही सवाल पूछते थे तो वे बीच में ही बैठा करती थी।
माही ने हल्का सा पीछे मुड़कर देखा।
वह अपने आप को जैसे ज्यादा देर तक नहीं रोक पाई थी
पीछे विराट अपने दोस्तों के साथ बैठा हुआ था। वह अपने एक दोस्त के रजिस्टर में देख उसे शायद कुछ समझा रह रहा था। माही ने जल्दी से अपना चेहरा आगे कर लिया ।
केमिस्ट्री के टीचर क्लास लेकर जा चुके थे। गरिमा मैम आने वाली थी तो 5 मिनट पूरी क्लास में शोर मचा हुआ था ।
कुछ बच्चे पढ़ रहे थे और कुछ एक दूसरे के साथ बस बातें ही कर रहे थे
" क्या हुआ है तुझे कुछ हुआ है क्या घर में तेरे अंकल ने कुछ कहा क्या "
माही ने उसे सीधा सवाल किया ।
सिया ने उसे देखा और तो सिर हिला दिया।
" नहीं ऐसा कुछ नहीं है , किसी ने कुछ नहीं कहा, पर बस सोच रही हूं ....वैसे सोच भी नहीं रही ऐसे ही ख्याल आया दिमाग में कि मेरे मम्मी पापा होते तो मेरी जिंदगी कुछ अलग होती क्या? मुझे ऐसे किसी के ऊपर डिपेंड रहना नहीं पड़ता ...एक घर में रहना नहीं पड़ता मुझे, मुझे कुछ नहीं पता मैं क्या बोल रही हूं पर कुछ समझ नहीं आ रहा है यार " सिया ने अपना सिर पकड़ लिया था।
" क्या बकवास किए जा रही हैं , हां यह बात सही है कि मम्मी पापा की याद आ सकती हैं , पर एक बात बता कि कुछ कमी रखी क्या तेरे अंकल और तेरे daddy ने तेरे पर किसी चीज़ की , जो मांगा वह नहीं दिया क्या ? तेरे से प्यार नहीं करते क्या वे लोग? तेरे अंकल तो तुझे छोड़ने आते हैं लेने आते हैं, ..." माही गुस्से मे बोलती रही
" और क्या कहा तूने बोझ!!! तू बोझ नहीं बन रही । हो सकता है तू उन लोगों की पूरी दुनिया हो"
माही की बात सुन अब सिया अजीब तरह से मुस्कुरा दी।
" कोई किसी की दुनिया नहीं होता " सिया ने धीरें से इतना ही कहा।
और उसे कल की बात याद आ गई ।
कैसे मोनिका उसके अंकल से इतना चिपक रही थी ।
और उसके अंकल ने उसे अलग भी नहीं किया था ।
ना ही उससे बात की थी ।
तभी कुछ लड़कियां क्लास मे आयी।
"Attention eveybody.... 7 दिन बाद स्कूल मे फाइनल function है जिस किसी को भी अपना नाम देना हो लिखवा दीजिए "
पूरी क्लास मे खुसर पुसर होने लगी।
" मै dance मे participate करूँगी, .... " माही जल्दी से अपना नाम लिखवाने लगी ।
हाँ माही का ध्यान स्टडी मे इतना नही था पर वो best dancer थी। सिया के चेहरे पर गर्व भरी मुस्कान थी अपनी दोस्त को देख कर।
अगर उसकी ये दोस्त चाहती तो इसमे भी आगे जा सकती थी
कुछ देर बाद गरिमा मैम क्लास में आई और उन्होंने रोल नंबर वाइज सबको टेस्ट दिए ।
" जिनके भी कम नंबर आए हैं वे अपने आप खड़े हो जाए, और मेरी क्लास से बाहर चले जाए , जल्दी करें....फालतू का टाइम वेस्ट ना करें "
पेपर बट चुके थे सब ने अपने टेस्ट देख लिए थे।
" कितने आए तेरे"
सिया ने माही से पूछा ।
" अरे तेरे तो अच्छे आये है, 50 मार्क्स लेकर आयी हैं, वेरी गुड मतलब तू रात सोई नहीं थी, बल्कि पढ़ रही थी अगर ऐसे पढ़ती रही ना तू ही टॉप करेगी और..."
सिया माही के टेस्ट को अच्छे से देखने लगी ।
वो माही को और उसकी राइटिंग को बहुत अच्छे से जानती थी ।
वो एक पल में समझ गई की इसमें आधा टेस्ट भी माही ने नही किया था, करीबन 40 नंबर का तो किसी और ने लिखा था...
सिया ने हैरानी से माही की तरफ देखा।
माही ने जल्दी से सिया के हाथ से को टेस्ट लिया और अपने बैग में डाल दिया ।
उसे डर था कि कहीं कोई और उसके टेस्ट को ना देख ले या खुद मैडम की नजर ना चली जाए ।
लेकिन सिया तो उसे ही देख रही थी।
" किसने लिखा है ये ....?? "
पर उसने कोई जवाब नही दिया ।
सिया खुद ही याद करते हुए बोली ।
" याद आया तू तो विराट के आगे बैठे हुई थी ना , लेकिन वह कैसे लिख सकता है पूछने से भी नहीं बताता वो तो ।
तभी माही ने पीछे मुड़कर विराट की तरफ देखा।
वो भी उसी की तरफ देख रहा था।
इस बार उनकी नज़रें मिली, तो माही की धड़कनें एकदम से बढ़ गई , वे तेज रफ्तार से चल रही थी।
माही ने जल्दी से अपना चेहरा आगे कर लिया ।
वहीं विराट ने अपना चेहरा नीचे किया।
गरिमा मैडम बोल रही थी ।
" सुनाई नहीं दिया क्या आप लोगों को अभी तक, धीमी चाल चल रहे हैं...मैंने कहा जिसके कम नंबर आए हैं मेरी बाहर जाएं मेरी क्लास से , ऐसे लोगों का कोई काम नहीं है मेरी क्लास में , मैंने एक दिन का टाइम दिया था पढ़ लेने को, फाइनल पास में है लेकिन इन लोगों को कोई होश नहीं है, लड़कियां बाहर हाथ ऊपर करके खड़ी हो जाए और लड़की मुर्गे बने । "
मैडम की आवाज़ बाहर तक जा रही थी।
"बहुत छुट मिल गई है इस क्लास को बस शोर मचाने में आगे हैं , परफॉर्मेंस देख लो इस क्लास का सारे नालायक यही मिलेंगे " गरिमा मैम तेज आवाज में बोले जा रही थी ।
जिन बच्चों के कम नंबर आए थे वे क्लास से बाहर चले गए ।
जब वे बच्चे क्लास से बाहर चले गए तो क्लास में एक बार फिर शांति छा गई ।
" और जिनके 100 में से 90 की लाइन में नंबर है वे खड़े होने एक बार "
विराट अपनी जगह पर खड़ा हुआ।
" कितने आए हैं आपके "
" 99 मैम "
विराट ने जब बताया कि उसके 99 नंबर आए हैं तो माही का मुंह बन गया।
वो अपने मन ही मन बोली " इतने नंबरों में तो तीन बच्चे पास हो जाए, जितने ये अकेला लेकर बैठा है । "
गरिमा मैम ने एक नजर से आगे सिया की तरफ देखा
" आपके कितने है सिया "
सिया भी अपनी जगह पर खड़ी हो गई
" 77 मैम "
" क्या बात है आपने फाइनल में जाकर पढ़ना छोड़ दिया, परफॉर्मेंस कम करेंगी क्या आप अब? या फिर आप ज्यादा ही फ्री हो गई है कि मैं नहीं आ रही थी तो पढ़ने की क्या ही जरूरत है"
गरिमा मैम ने सिया को डांट लगाई और फिर उसे बिठा दिया ।
विराट भी अपनी जगह पर बैठ गया था।
माही ने सिया को दिखा जिसका मुंह बन गया था।
वो उसका टेस्ट उठाकर बोली " अरे ये फाइनल पेपर कोई ना है , और चलो कोई नहीं...तू मेहनत कर, मेहनत करने वालों की कभी हार नहीं होती "
माही ने कहा तो सिया ने लगभग अपना टेस्ट उसके हाथ से छीन लिया।
मतलब अब उसके थोड़े अच्छे मार्क्स आये थे तो वो ज्ञान पेल रही थी जबकि उसका लगभग पूरा टेस्ट किसी और ने लिखा था ।
विक्रम अपनी 15th फ़्लोर की glass building के अंदर बने private cabin में बैठा था। आज उसका ध्यान काम मे नही था जैसे कही उलझा हुआ सा था ।
उसका ऑफिस किसी आम बिज़नेसमैन के ऑफिस जैसा बिल्कुल नहीं था।
यहाँ हर चीज़ उसकी शान और power को दर्शाती थी।
सामने दीवार पर imported Italian marble लगा था, जिस पर हल्की golden lighting पड़कर एक royal चमक दे रही थी।
पीछे की दीवार पर एक giant oil painting टंगी थी एक शेर का, जिसकी आँखें ऐसी लगती थीं जैसे सामने वाले को घूर रही हों।
पूरा cabin soundproof था, अंदर सिर्फ़ AC की हल्की आवाज़ और बाहर से आती city traffic की faint गूँज।
उसकी work desk एक black onyx की बनी थी, जिस पर सिर्फ़ एक silver pen stand और crystal glass रखा था। बाकी सब perfectly organized।
बगल में MacBook Pro, एक टैबलेट और luxury फोन रखे थे।
सीधे खिड़की से नीचे पूरा शहर दिखाई देता था – cars की कतारें, flyover पर चमकती street lights और दूर तक फैली ऊँची-ऊँची इमारतें।
विक्रम की आँखों में वही शहर छोटा और बेमायने लगता था, जैसे सब उसकी मुट्ठी में हो।
वो अपनी कुर्सी पर पीछे टिके हुए था, dark grey Armani suit में, हाथ में whiskey का गिलास लिए था ।
तभी knock knock की हल्की सी आवाज़ हुई और उसकी assistant निया केबिन में दाख़िल हुई।
निया हमेशा की तरह perfectly groomed थी।
उसकी white silk blous pencil skirt में tuck किया हुआ था, मानो एक रेखा भी बिगड़ी तो उसकी पूरी परफ़ेक्शन डगमगा जाएगी।
हील्स की tap-tap आवाज़ marble floor पर किसी घड़ी की टिक-टिक जैसी गूँज रही थ।
उसके बाल sleek bun में इतने करीने से बंधे थे
और उसने red lipstick लगाई हुई थी।
"Sir, हमें वो property deal finalize करनी है… CK आ चुके हैं।" निया की बात सुन Vikram की उंगलियाँ गिलास के किनारे पर ठहर गईं।
" कहाँ है वो?? " विक्रम ने whiskey का ग्लास टेबल पर रखा।
" Sir वे conference room मे....!!!! " निया बोल ही रही थी कि पीछे का दरवाजा खुला और वो अंदर आया ।
" हेल्लो cutie... " Ck ने निया की तरफ देख कहा पर निया के चेहरे पर एक्सप्रेशन ही नहीं थे।
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