Naked lust " Bound by four "
समंदर ने उसकी किस्मत निगल ली थी… और जब उसने आँखें खोलीं तो खुद को एक ऐसे टापू पर पाया, जिसका नाम किसी नक़्शे पर नहीं था।
न कोई रास्ता, न कोई उम्मीद—सिर्फ़ चार अजनबी, जिनकी निगाहों में भूख थी…
भूख सिर्फ़ जीने की नहीं, उससे कहीं गहरी और खतरनाक।
जो शुरुआत में ज़िंदगी बचाने की जद्दोजहद थी, वही धीरे-धीरे एक खतरनाक खेल में बदलने लगी—
इच्छाओं, जलन और पाबंदी तोड़ने वाली चाहतों का खेल।
हर रात लहरें अपने राज़ फुसफुसाती थीं।
हर दिन टापू अपनी क़ीमत वसूलता था।
और इस क़ैद बने स्वर्ग में उसे महसूस हुआ कि कुछ भूख कभी मिटती नहीं…
और कुछ इच्छाएँ, एक बार जाग जाएँ तो सब कुछ निगल लेती हैं।
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